केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के मरू क्षेत्रीय परिसर ने आज दिनांक 7 सितंबर को गांव कोटडा में मगरा भेड़ों पर एक प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया। संस्थान के प्रभागाध्यक्ष डॉ एके पटेल ने बताया की यह आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मगरा नेटवर्क परियोजना के अंतर्गत किया गया। यह परियोजना बीकानेर जिले के कोलायत तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले 4 वर्ष से चलाई जा रही है जिसमें उच्च कोटि के मगरा नस्ल के लगभग 200 मेंडे भेड़ पालक को नस्ल सुधार हेतु दिए गए। जिसकी वजह से भेड़ पालकों के रेवड में अच्छे आनुवंशिकता वाले मेमने पैदा हुए जिनका वजन एवं ऊन की मात्रा 10 से 15% ज्यादा देखी गई साथ ही साथ इन में ऊन की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ। यह ज्ञात है कि बीकानेर स्थित यह नस्ल गलीचा उनके लिए विश्व में जानी जाती है जिसकी उन सफेद रंग की एवं चमकीली होती और इससे उत्तम किस्म के गलीचे बनते हैं जोकि विश्व में अच्छा व्यापार करते हैं
इस अवसर पर लगभग 100 से अधिक भेड़ पालको ने भाग लिया एवं उच्च गुणवता वाले मगरानस्ल के मेमनों का भी प्रदर्शन किया | जो कि ऊन एवं वजन में अधिक थे | बीकानेर स्थित भारतीय कृषि अनुसन्धान परिसदके वैज्ञानिक, कृषि विज्ञानं केंद्र, लुनकरनसरके प्रभारी, आत्मा के अधिकारी , पशुपालन विभाग के अधिकारीआदि ने इस अवसर पर भेड़ पालको को तकनिकी जानकारी व् विभिन्न योजनाओ के बारे मेंबताया| अछे भेड़ पालको को सम्मानित कर पारितोसित किया गया| डॉएच के नरूला ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं डॉ निर्मला सैनी, डॉ आशीष चोपरा, डॉ अशोक कुमार आदि सदस्यों ने भाग लिया |