Backसंस्थान अविकानगर तहसील मालपुरा जिला टोंक (राजस्थान) के उतरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र गडसा जिला कुल्लू हिमाचल प्रदेश का 63वाँ स्थापना दिवस क्षेत्रीय किसान मेला (प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी एवं किसान -वैज्ञानिक संवाद) के रूप में मनाया गया l
भाकृअनुप.-केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर जिला टोंक (राजस्थान) के उतरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र गडसा जिला कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) का 63वाँ स्थापना दिवस 11 फरवरी, 2025 को क्षेत्रीय किसान मेला (प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी एवं किसान-वैज्ञानिक संवाद) का आयोजन संस्थान की भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उपयोजनाओं के अंतर्गत किया गया l स्थापना दिवस कार्यक्रम के मुख्य अथिति डॉ बी के जोशी, पूर्व निदेशक राष्ट्रीय पशु आनुवंशिकी संसाधन ब्यूरो करनाल, विशिष्ट अथिति के रूप मे डॉ ए के मोहंती निदेशक राष्ट्रीय गौवंश अनुसन्धान संस्थान मरेठ, डॉ आर्तबंधु साहू, निदेशक राष्ट्रीय पशु पोषण एवम शरीर क्रिया विज्ञान संस्थान बैंगलोर, डॉ आर पुरुषोत्तम प्रभारी एनटीआरएस, डॉ अजय कुमार नोडल अधिकारी एससीएसपी, डॉ राजेंद्र पाल, उपनिदेशक पशुपालन विभाग कुल्लू, इंद्रभूषण कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अविकानगर और कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ अरुण कुमार तोमर निदेशक केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर द्वारा की गई l सभी पधारे अथितियों को कृषि और पशुपालन एवं उनसे विकसित उत्पादों की प्रदर्शनी, गडसा केंद्र के भेड़ की नस्ल एवं अंगोरा खरगोश के पशुओ की प्रदर्शनी का भ्रमण निदेशक डॉ अरुण कुमार द्वारा करवाया गया l
निदेशक द्वारा सभी का संस्थान द्वारा निर्मित उत्पादों से स्वागत करते हुए सरस्वती माँ के समक्ष दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई l भेड़ एवं अंगोरा खरगोश की ऊन उत्पादों से बनाए गए पारंपरिक परिधानों की सुन्दर झांकी हिमाचल प्रदेश की महिला किसानो द्वारा प्रदर्शित की गई l स्वागत सम्बोधन गड्सा केंद्र के प्रभारी डॉ आर पुरुषोत्तम द्वारा देते हुई केंद्र की विभिन्न गतिविधियों पर उपस्थित अथितियों ओर किसानो को अवगत कराया l इस अवसर पर डॉ. अजय कुमार नोडल अधिकारी एसीएसपी ने किसानों के हित में संस्थान द्वारा चलाई जा रही अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति उपयोजनाओं की गतिविधियों का लाभ उठाने के लिए इस वर्ग के किसानो को संस्थान से जुड़े रहने का आग्रह किया I किसान हमारी प्राथमिकता के तहत निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर द्वारा गडसा केंद्र की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अविशान नस्ल की भेड़ें हिमाचल के किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगी I किसान को वर्तमान समय के हिसाब से वैज्ञानिक तरीके से भेड़पालन एवं अंगोरा खरगोश पालन करने का निवेदन किया l उन्होंने अपने सम्बोधन मे खेती ओर पशुपालन को इंडस्ट्री की तरह करने की जरुरत पर बल देते सभी किसानो को निवेदन किया l जिससे रूरल इंडिया -रियल इंडिया बनाया जा सके l
हिमाचल प्रदेश के किसानो को छोटे पशुओ भेड़ बकरी एवं ब्राइलर खरगोश पालने को टूरिस्ट स्थान के अनुसार पालते हुई विभिन्न मूल्य संविधित उत्पादों का निर्माण की सलाह दी l जिससे आपको सही दाम मिले एवं लोगो को अच्छा उत्पाद मिले l निदेशक द्वारा अपने पशु को चलता फिरता बैंक की उपमा देते हुई हिमाचल जलवायु मे सबसे अच्छा बताया l निदेशक डॉ अरुण कुमार द्वारा किसानो को संस्थान की प्रशिक्षण एवम हर सुविधा का लाभ लेने का निवेदन किया l विशिष्ट अतिथि डॉ. आर्तबंधु साहू, निदेशक बैंगलोर संस्थान द्वारा किसानों को पशुपालन से अधिक लाभ कमाने हेतु पशुओं के पोषण बेहतर प्रबंधन अपनाने की जानकारी प्रदान की गई I दुशरे विशिष्ट अथिति डॉ ए के मोहंती निदेशक मरेठ संस्थान ने किसानों को अपने संस्थान से जुड़कर गाय के बारे मे उपलब्ध तकनिकीयों को अपनाकर अपनी आजीविका बढ़ाने का निवेदन किया l उन्होंने कहा आपको पशुपालन ओर खेती आधारित मूल्य संवार्दित उत्पादों का निर्माण करके सीधे उपभोक्ता तक अच्छे दाम मे बिक्री करके आजीविका मे बढ़ोतरी करना चाहिए l भविष्य मे मरेठ संस्थान की हिमाचल प्रदेश के लिए किसान सेवा उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया l इस अवसर पर गडसा केंद्र के विभिन्न प्रकाशनो का विमोचन के साथ, विभिन्न स्थानों से प्रदर्शनी लेकर आये किसानों और राजस्थान ओर हिमाचल प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र एवं समृति चिन्ह देकर कार्यक्रम के उपस्थित अथितियों द्वारा सम्मानित किया गया I इस अवसर पर गड्सा केंद्र के वैज्ञानिक डॉ रजनी चौधरी एवं डॉ पल्लवी चौहान को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए निदेशक द्वारा सम्मानित किया गया I कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ बी के जोशी ने सभी हिमाचल और राजस्थान के सम्मानित प्रगतिशील किसानों को शुभकामनाएं देते हुई बधाई दी और संस्थान द्वारा किसानों के हितों में किये जा रहे भरसक प्रयासों के लिए निदेशक डॉ अरुण कुमार की सराहना की l मुख्य अथिति ने हिमाचल प्रदेश की उपलब्ध पशुधन प्रजातियों को रजिस्टर करने के लिए राज्य की संस्थाओ को निवेदन किया, जिससे भविष्य मे उनके उत्पादकता मे सुधार हेतु सरकार द्वारा योजना की शुरुआत की जा सके l अंत मे निदेशक डॉ अरुण कुमार द्वारा किये जा रहे नवीन पहल की पुरे प्रशंसा की गई l डॉ. राजेंद्र पॉल उप-निदेशक पशु पालन विभाग कुल्लू ने भारत सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए किसानों को आगे आकर फायदा लेने के लिए प्रेरित किया गया l कार्यक्रम में लगभग 550 से ज्यादा अनुसूचित जाति, जनजाति किसान एवं अन्य वर्ग के हिमाचल प्रदेश एवं राजस्थान के विभिन्न जिलों से भ्रमण पर आये 100 से ज्यादा किसानों द्वारा भाग लेकर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन ओर प्रगतिशील किसानो के अनुभव, अथितियों और संस्थान के फार्म का भ्रमण किया गया l कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ अमरसिंह मीना वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं धन्यवाद प्रस्ताव श्री इंद्रभूषण कुमार मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दिया गया l कार्यक्रम के आयोजन में डॉ अब्दुल रहीम, डॉ रजनी चौधरी, डॉ पल्लवी चौहान, डॉ अरविन्द सोनी, डॉ स्रोबाना सरकार, डॉ रंगलाल मीना सभी तकनीकी, प्रशासन और अविकानगर से आये लोगों ने अपना पूरा सहयोग दिया l अविकानगर संस्थान के मीडिया प्रभारी डॉ अमरसिंह मीना द्वारा मीडिया को कार्यक्रम की जानकारी साझा की गई l
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